बंजर जमीन पर पेड़-पौधे लगाकर किया चमत्कार
देवघर जिले के कुछ किसानों ने पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बंजर पड़ी जमीन पर पेड़-पौधे लगा दिए हैं। दो एकड़ जमीन पर 224 आम के पेड़ और 50 सागवान, शीशम, और मोहबनी जैसे पौधे लगाकर इन्होंने इलाके में हरियाली ला दी है।
पर्यावरण सुरक्षा की आवश्यकता
आज के समय में पर्यावरण सुरक्षा सबसे अहम है। यदि हम इसे सुरक्षित नहीं करेंगे तो निकट भविष्य में पानी और ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। देवघर के करौं प्रखंड के रानीडीह के किसान इंदु सिंह, रामनाथ सिंह, और उत्तम सिंह ने इस समस्या को समझते हुए अपने क्षेत्र में हरियाली लाने का निर्णय लिया।
बागवानी योजना ने जगाई उम्मीद
सरकार की बागवानी मिशन योजना से प्रेरित होकर किसानों ने फलदार पेड़ लगाए और उनकी देखभाल की। इनकी मेहनत का फल अब दो एकड़ बंजर जमीन पर आम के पेड़ लहलहाते हुए नजर आ रहे हैं। पहले सीजन में लाभ की उम्मीद के अनुसार आम नहीं मिले, लेकिन आने वाले समय में इससे सालाना पचास हजार रुपये की आय होने की संभावना है।
सरकारी योजनाएं बनी मददगार
इन किसानों की उम्मीदों को सरकार की योजनाओं ने समर्थन दिया। बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना और मनरेगा योजना ने बंजर जमीन पर हरियाली लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बागवानी मिशन के तहत एक एकड़ जमीन के लिए मनरेगा से एक लाख 68 हजार रुपये की स्वीकृति मिली, जिससे आम के पौधे उपलब्ध कराए गए। किसानों ने वर्ष 2020-21 में पेड़ लगाए और पटवन के लिए मनरेगा से चार लाख रुपये से सिंचाई कुआं बनाया गया।
किसानों के अनुभव
रामनाथ सिंह बताते हैं कि एक एकड़ में आम बागवानी से कम से कम 15 से 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष आय कर सकते हैं। चौथे वर्ष में यह आय तीस हजार और दसवें वर्ष में लगभग एक लाख रुपये हो सकती है। इंदु सिंह ने कहा कि पेड़ लगाने से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण होता है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होती है। उत्तम सिंह ने बताया कि अगले साल पेड़ लगाने से पचास हजार रुपये से अधिक की आय होगी।
मनरेगा अधिकारी की राय
बीपीओ मनरेगा, प्रकाशचंद्र यादव, ने कहा कि यह योजना काफी महत्वपूर्ण है। इससे किसान एक एकड़ खेत में आम का पेड़ लगाकर कम से कम 15 से 20 हजार प्रति वर्ष कमा सकते हैं। साथ ही किसान को 96 इमारती पौधे लगाने चाहिए, जिससे उन्हें 10-15 वर्ष बाद लाखों की परिसंपत्ति बनेगी।