शुक्रवार को हंसडीहा थाना क्षेत्र के पडराबांध गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर दो गुटों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें जरमुंडी, सरैयाहाट और बिहार के बांका जिले के लोग शामिल थे। इस घटना में एक महिला समेत चार लोग घायल हो गए। विरोध स्वरूप दुमका-भागलपुर मुख्य मार्ग जाम कर दिया गया।
मामले की जांच और गिरफ्तारी
दुमका जिले के हंसडीहा थाना क्षेत्र में हुए इस विवाद में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और 42 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह घटना नोनीहाट के पडराबांध गांव की है, जहां जमीन विवाद को लेकर हिंसक संघर्ष हुआ था। पुलिस की सक्रियता से एक बड़ा हादसा टल गया।
पुलिस छावनी में तब्दील थाना परिसर
पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खैरवार के निर्देश पर पुलिस ने 42 आरोपियों को गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों को रामगढ़ थाना में रखकर पूछताछ की गई और शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। रामगढ़ थाना परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था, जहां हंसडीहा और काठीकुंड प्रभाग के पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किया गया था।
खूनी संघर्ष में बिहार के आरोपी शामिल
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में जरमुंडी, सरैयाहाट और बिहार के बांका जिले के लोग शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 65 हजार रुपए नगद, एक देसी कट्टा, एक खाली खोखा, 6 बाइक और एक कार जब्त की है।
घटना की पृष्ठभूमि
नोनीहाट के डॉक्टर अनिमेष दास ने अपने अर्द्धनिर्मित घर को तोड़कर जमीन पर कब्जा करने के लिए बाहरी बदमाशों को बुलाया था। इन बदमाशों ने पहले पक्ष के लोगों के साथ मारपीट और गोलीबारी की, जिससे चार लोग घायल हो गए। आक्रोशित स्थानीय लोगों ने इस घटना के विरोध में दुमका-भागलपुर मुख्य मार्ग जाम कर दिया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और मार्ग को खुलवाया।
कई गिरफ्तार छात्र
इस घटना में शामिल 42 आरोपियों में कई छात्र भी हैं, जिन्होंने इस बार इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। पुलिस ने हंसडीहा थाना में भारतीय न्याय संहिता और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कांड संख्या 63/2024 के तहत मामला दर्ज किया और सभी आरोपियों को जेल भेज दिया।