संथाल परगना

21 अगस्त को भारत बंद: जेएमएम का समर्थन, झारखंड के कई संगठन भी आए साथ

भीम सेना और बहुजन दलित समाज की अगुवाई में बंद का आवाह्न 

21 अगस्त को देशभर में भारत बंद का आह्वान किया गया है। यह बंद अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर को शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बुलाया गया है। भीम सेना, बहुजन दलित समाज समेत अन्य संगठनों के नेतृत्व में आयोजित इस बंदी का समय सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक तय किया गया है।

 

झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम का पूर्ण समर्थन

झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने इस बंद को अपना समर्थन दिया है। पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर केंद्रीय समिति के सभी सदस्यों, जिला अध्यक्षों, जिला सचिवों और जिला संयोजकों को इस बंद में सक्रिय भागीदारी का निर्देश दिया है।

 

राज्य के कई संगठनों का समर्थन भी मिला

राज्य के कई संगठनों ने भी इस बंद को समर्थन देने का निर्णय लिया है। आदिवासी लोहरा समाज, भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी और दलित संगठनों ने भी इस बंदी में भाग लेने का वादा किया है। लोहरा समाज ने कहा है कि क्रीमीलेयर के बहाने आरक्षण खत्म करने का रास्ता साफ किया जा रहा है, जिसके खिलाफ यह बंदी जरूरी है।

राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया है। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि उनके सदस्य बंद के दिन सड़कों पर उतरकर इसका समर्थन करेंगे।

 

भीम सेना ने की जनता से सहयोग की अपील

भीम सेना के प्रमुख ने एक पंपलेट जारी कर लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील की है। पंपलेट में बताया गया है कि सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक सभी सेवाएं बंद रहेंगी, सिवाय मेडिकल, पुलिस और फायर सेवाओं के। जनता से अपील की गई है कि वे घरों से बाहर न निकलें और बंद का समर्थन करें। मॉल, दुकानें, कार्यालय, बैंक, एटीएम, मार्केट, फैक्ट्री और पर्यटन स्थल आदि सब बंद रखने की अपील की गई है।

 

बंद का कारण: सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले में अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर को शामिल करने की अनुमति दी गई है। अदालत ने कहा कि सभी एससी-एसटी जातियां एक समान वर्ग नहीं हैं, और राज्य सरकारें इनके भीतर सब-क्लासिफ़िकेशन कर सकती हैं। हालांकि, इसमें राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी एक जाति को 100% कोटा न मिले और कोटा निर्धारित करने से पहले उनकी हिस्सेदारी का सटीक डेटा होना चाहिए। इस फैसले के विरोध में 21 अगस्त को भारत बंद का आयोजन किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *