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झारखंड और ओडिशा के लिए खुशखबरी: तीन नई रेलवे लाइन परियोजनाओं से बढ़ेगा विकास

भारतीय रेलवे ने झारखंड और ओडिशा में दी तीन नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को मंजूरी

भारतीय रेलवे के तहत दक्षिण-पूर्व रेलवे ने झारखंड और ओडिशा में तीन नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जो इन राज्यों के कई जिलों में विकास को गति देगी। इन परियोजनाओं से पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और झारखंड के लोहे और इस्पात उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

 

विकास को मिलेगी रफ्तार, पिछड़े क्षेत्रों को मिलेगा फायदा

दक्षिण-पूर्व रेलवे की तीन नई रेलवे लाइन परियोजनाओं से ओडिशा के मयूरभंज और केंदुझार जिलों और झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पिछड़े इलाकों में तेजी से विकास होगा। इन परियोजनाओं के तहत बनने वाली नई रेल लाइनों से झारखंड के लोहे और इस्पात उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और बिजली घरों तक कोयले की आपूर्ति तेज हो जाएगी। इसके साथ ही, टाटानगर और रांची के औद्योगिक क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे बिहार और बंगाल से झारखंड के संताल परगना क्षेत्र तक यातायात सुगम हो जाएगा।

 

टाटानगर-रांची और खड़गपुर के बीच घटेगी दूरी

इन परियोजनाओं के पूरा होने से टाटानगर (जमशेदपुर) से रांची और खड़गपुर के बीच की दूरी 30 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इससे मालगाड़ियों और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए यात्रा का समय भी घट जाएगा। कोयला और इस्पात की ढुलाई पारादीप, धामरा और सुवर्णरेखा बंदरगाहों तक तेज और सस्ती हो जाएगी। इसके अलावा, उत्तर छोटानागपुर क्षेत्र और पूर्वी सिंहभूम के श्रद्धालुओं के लिए भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी की यात्रा भी आधे घंटे तक कम हो जाएगी।

 

160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

इन नई रेलवे लाइनों पर ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की जा सकेगी। इससे पूर्वी सिंहभूम और उत्तर छोटानागपुर के उद्योगों को सस्ते में कोयला और डोलोमाइट की आपूर्ति होगी। इन क्षेत्रों तक पहुंचने में भी आसानी होगी, जहां पहुंचना अब तक मुश्किल था। नई रेलवे लाइन से न केवल औद्योगिक विकास होगा, बल्कि धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक भी पहुंचने में सुगमता आएगी। लोग मुर्गा महादेव मंदिर और मां तारिणी पीठ जैसे स्थानों तक आसानी से पहुंच सकेंगे, वहीं सिमलिपाल बायोस्फीयर रिजर्व जैसे पर्यटक स्थलों तक भी यात्रा सुगम हो जाएगी।

 

6294 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा रेलवे प्रोजेक्ट

इन रेल परियोजनाओं की कुल लागत 6294 करोड़ रुपये होगी। इसके पूरा होने पर टाटानगर से पारादीप और पूर्वी तट पर स्थित अन्य बंदरगाहों के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। यह परियोजना 76 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित करेगी और 259 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी, जो लगभग 10.3 करोड़ पेड़ों द्वारा अवशोषित किए गए कार्बन के बराबर है।

 

ओडिशा और झारखंड के कई स्थानों को जोड़ेगी तीन रेलवे लाइनें

इन नई रेलवे लाइनों में बदामपहाड़-केंदुझारगढ़ रेलवे लाइन, बांगिरीपोसीगोरुमाहिसानी रेलवे लाइन और बुरमारा-चाकुलिया रेलवे लाइन शामिल हैं। 82.06 किलोमीटर लंबी बदामपहाड़-केंदुझारगढ़ रेलवे लाइन परियोजना ओडिशा के मयूरभंज और केंदुझार जिलों को कवर करेगी। इसके निर्माण में 1875.72 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

 

बांगिरीपोसी-गोरुमाहिसानी रेलवे लाइन पर खर्च होंगे 2269.49 करोड़

बांगिरीपोसी-गोरुमाहिसानी रेलवे लाइन परियोजना 85.60 किलोमीटर लंबी होगी, जो मयूरभंज जिले को कवर करेगी। इस परियोजना की लागत 2269.49 करोड़ रुपये है। बुरमारा-चाकुलिया नई रेलवे लाइन परियोजना की लंबाई 59.96 किलोमीटर है, जो ओडिशा के मयूरभंज जिले और झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले को कवर करेगी। इस लाइन के निर्माण के लिए 1459.13 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

 

झारखंड और ओडिशा के यात्रियों को मिलेगा लाभ

इन तीन नई रेलवे लाइनों की घोषणा से झारखंड और ओडिशा के आम यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा। नई लाइनों के निर्माण से व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। ओडिशा और झारखंड के खनिज समृद्ध क्षेत्रों में इन तीन लाइनों के निर्माण से माल ढुलाई में वृद्धि होगी और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

 

रेलवे को भी होगा फायदा

नई रेलवे लाइन के निर्माण के बाद पूर्वी तटीय क्षेत्र से उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों को भीड़भाड़ वाले रुपसा-खड़गपुर-टाटानगर (हावड़ा-मुंबई डाउन लाइन और हावड़ा-चेन्नई डाउन लाइन) के माध्यम से नहीं जाना पड़ेगा। इस रेलवे लाइन के निर्माण के बाद, टाटानगर से केंदुझार के बीच की दूरी 52 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे जखापुर (कलिंगनगर औद्योगिक गलियारा) और टाटानगर औद्योगिक गलियारा के बीच की दूरी भी काफी कम हो जाएगी।

 

दक्षिण-पूर्व रेलवे में कौन सी तीन नई रेलवे लाइनें बनेंगी?

दक्षिण-पूर्व रेलवे ने झारखंड और ओडिशा में तीन नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये तीन रेलवे लाइनें बदामपहाड़-केंदुझारगढ़ रेलवे लाइन, बांगिरीपोसी-गोरुमाहिसानी रेलवे लाइन और बुरमारा-चाकुलिया रेलवे लाइन हैं।

 

ओडिशा और झारखंड की 3 नई रेलवे लाइन परियोजनाओं के क्या फायदे होंगे?

झारखंड और ओडिशा में तीन नई रेलवे लाइन परियोजनाओं के निर्माण के बाद कई क्षेत्रों का विकास होगा। बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा। ओडिशा के मयूरभंज और केंदुझार जिलों को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम से जोड़कर विकास को नई गति मिलेगी।

 

दक्षिण-पूर्व रेलवे की 3 नई रेलवे लाइन परियोजनाओं की लागत कितनी होगी?

दक्षिण-पूर्व रेलवे ने झारखंड और ओडिशा में तीन रेलवे लाइनों के निर्माण को मंजूरी दी है। इन लाइनों की कुल लागत 6294 करोड़ रुपये होगी। इस निर्माण के पूरा होने के बाद टाटानगर और पारादीप और पूर्वी तट पर स्थित अन्य बंदरगाहों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।

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