Telegram app logo on a smartphone screen, with a background highlighting concerns over criminal activities and the recent arrest of CEO Pavel Durov.
टेक्नोलॉजी

टेलीग्राम के सीईओ की गिरफ्तारी के बाद भारत में बढ़ी चिंता: आपराधिक गतिविधियों पर सख्त नज़र

भारत में टेलीग्राम, एक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मैसेजिंग ऐप, इन दिनों गंभीर विवादों के केंद्र में है। हाल ही में फ्रांस में इसके सीईओ पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी के बाद यह मामला और भी गरम हो गया है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने ड्यूरोव पर प्लेटफार्म का उपयोग आपराधिक गतिविधियों, खासकर बच्चों से जुड़े आपत्तिजनक कंटेंट के प्रसार और विभिन्न अन्य आपराधिक कृत्यों में किया जाने के आरोपों की जांच शुरू की है।

भारत में टेलीग्राम का दुरुपयोग: भारत में टेलीग्राम का इस्तेमाल कई आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। परीक्षा पेपर लीक से लेकर, शेयर बाजार में हेरफेर और धोखाधड़ी के मामलों में टेलीग्राम की भूमिका चिंता का विषय बन गई है। भोपाल में, फर्जी पुलिस अधिकारियों द्वारा लोगों को धोखा देने में भी इस ऐप का इस्तेमाल हुआ है। यूजीसी-नेट और नीट-यूजी जैसी परीक्षाओं के पेपर लीक होने के कारण परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं, जिससे छात्रों और अभिभावकों में व्यापक नाराजगी फैली।

कानूनी चुनौतियाँ: टेलीग्राम की गुमनामी और एन्क्रिप्शन फीचर्स, जो उपयोगकर्ताओं की पहचान को सुरक्षित रखते हैं, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौतियाँ पेश कर रहे हैं। यह एनक्रिप्शन, अपराधियों को पकड़ने और उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाने में बाधा उत्पन्न करता है।

कंटेंट मॉडरेशन की कठिनाइयाँ: इस घटना ने एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्मों पर कंटेंट मॉडरेशन और कानून प्रवर्तन की बढ़ती चुनौतियों को उजागर किया है। टेलीग्राम जैसी सेवाओं के जरिए फैलाई जा रही आपत्तिजनक सामग्री को रोकने के लिए कानून के सख्त और त्वरित क्रियान्वयन की आवश्यकता है।

निष्कर्ष: टेलीग्राम के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए, भारत और अन्य देशों में कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस पर कड़ी नजर रख रही हैं। यह आवश्यक है कि ऐसे प्लेटफार्मों पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि समाज में कानून और व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।

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