अवनी लेखरा, जिन्होंने पेरिस में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा, अब एक और स्वर्णिम सफलता के लिए तैयार हैं। आज पैरा शूटिंग में भारतीय फैंस की निगाहें अवनी पर टिकी होंगी, जब वह मिक्स्ड 10 मीटर एयर राइफल प्रोन SH2 स्पर्धा में भी स्वर्ण जीतने का प्रयास करेंगी। अवनी की इस नई चुनौती ने उन्हें एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है, और उनके प्रशंसकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं।
पेरिस पैरालंपिक में अवनी का गोल्ड जीतना सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता नहीं थी, बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण था। अब वह मिक्स्ड 10 मीटर एयर राइफल प्रोन SH2 स्पर्धा में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस इवेंट में अवनी के साथ सिद्धार्थ बाबू भी हिस्सा लेंगे, जिससे भारत की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।
कौन हैं अवनी, जिन्होने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया
जयपुर की रहने वाली अवनी लेखरा ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से एक असाधारण करियर का निर्माण किया है। एक दुर्घटना के बाद, जब वे व्हीलचेयर पर आ गईं, तो उन्होंने शूटिंग को अपने जीवन का मकसद बना लिया। 2012 में शूटिंग को अपना करियर बनाने के बाद, अवनी ने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, और पेरिस में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को गर्व का एक और मौका दिया।
अवनी लेखरा की यह उपलब्धियां केवल खेल के मैदान तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने सभी के लिए एक प्रेरणा का काम किया है। अवनी का लक्ष्य इस बार भी स्वर्णिम प्रदर्शन करना है, और उनके इस सफर को देखकर लगता है कि वह इस लक्ष्य को भी हासिल कर लेंगी।
अवनी लेखरा की कहानी केवल उनकी व्यक्तिगत जीत की नहीं, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो जीवन की चुनौतियों से हार मानने की बजाय उन्हें पार करने का हौसला रखते हैं। उनके आगामी इवेंट में सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि वह एक और स्वर्ण पदक के साथ भारत का गौरव बढ़ा सकें।