घुसपैठियों का बढ़ता प्रभाव
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) की हालिया रिपोर्ट ने झारखंड में संथाल क्षेत्र की बदलती जनसांख्यिकी को लेकर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशी घुसपैठियों का यहां तेजी से प्रभाव बढ़ रहा है, जिससे आदिवासी समुदाय के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने पर खतरा मंडरा रहा है।
सामाजिक ताना-बाना प्रभावित
NCST की टीम ने संथाल के सभी छह जिलों का दौरा किया और पाया कि घुसपैठियों ने आदिवासी लड़कियों से विवाह कर, स्थानीय समाज में अपनी पैठ बना ली है। इस प्रक्रिया में वे आदिवासी समुदाय की ज़मीन पर भी कब्जा कर रहे हैं और उनके खिलाफ जुल्म भी कर रहे हैं। यह स्थिति समुदाय के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुँचा रही है।
राजनीतिक समीकरण और भविष्य की आशंकाएँ
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या के पीछे वोट बैंक की राजनीति का हाथ हो सकता है। घुसपैठियों ने स्थानीय दस्तावेज जैसे वोटर आईडी और आधार कार्ड भी बनवा लिए हैं, जिससे उनकी राजनीतिक प्रभावशीलता बढ़ गई है। इस परिदृश्य में, भविष्य में संभावित राजनीतिक उलटफेर की आशंका बढ़ गई है।
आयोग की सिफारिशें
NCST की सदस्य आशा लकड़ा के अनुसार, आयोग ने सामाजिक संगठनों और जिला प्रशासन के साथ मिलकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में संथाल क्षेत्र में घुसपैठियों के बढ़ते प्रभाव की गंभीरता को दर्शाया गया है और इस मुद्दे की तत्काल समाधान की आवश्यकता पर बल दिया गया है।