रांची से गोड्डा के बीच वंदे भारत की शुरुआत संभावित, 9 घंटे में तय करेगी 522 किमी का सफर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 सितंबर को जन्मदिन के अवसर पर रांची से गोड्डा के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत होने की संभावना है। ट्रेन में आठ कोच होंगे, और हालांकि अभी दक्षिण-पूर्व रेलवे की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, रेलवे सूत्रों के अनुसार, इसकी प्रस्तावित तारीख तय हो चुकी है।
रांची से गोड्डा का सफर होगा आसान
रांची से गोड्डा की 522 किलोमीटर की दूरी को यह ट्रेन 9 घंटे 10 मिनट में तय करेगी। ट्रेन सुबह 5 बजे रांची से रवाना होकर दोपहर 1:37 बजे गोड्डा पहुंचेगी। इस दौरान ट्रेन की गति 56 से 95 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच रहेगी और 10 स्टेशनों पर इसका ठहराव होगा। वहीं, गोड्डा से यह ट्रेन दोपहर 3:10 बजे रांची के लिए रवाना होगी।
10 स्टेशनों पर होगा वंदे भारत का ठहराव
रांची से रवाना होकर यह ट्रेन टाटीसिलवे, महेशपुर, मधुपुर, जसीडीह, देवघर, बड़काकाना, दुमका, हंसडीहा होते हुए गोड्डा पहुँचेगी। उम्मीद की जा रही है कि इसका ठहराव हजारीबाग टाउन और न्यू गिरिडीह में भी होगा। इस बीच, दक्षिण-पूर्व रेलवे के सीपीआरओ ओमप्रकाश चारण ने बताया कि फिलहाल रांची-गोड्डा के बीच वंदे भारत ट्रेन को लेकर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है।
झारखंड से तीन वंदे भारत ट्रेनें गुजरेंगी
झारखंड से तीन वंदे भारत ट्रेनों के चलने का प्रस्ताव है। इसमें वाराणसी-देवघर वंदे भारत ट्रेन शामिल है, जो 457 किलोमीटर की दूरी 7 घंटे 10 मिनट में तय करेगी। यह ट्रेन वाराणसी से सुबह 6:20 बजे रवाना होकर दोपहर 1:30 बजे देवघर पहुँचेगी, और फिर 3:15 बजे देवघर से वापस रवाना होकर रात 10:20 बजे वाराणसी पहुंचेगी। वहीं, हावड़ा-गया वंदे भारत एक्सप्रेस धनबाद, पारसनाथ, कोडरमा होते हुए गया पहुंचेगी, जबकि हावड़ा-भागलपुर वंदे भारत रामपुरहाट, दुमका, नोनिहाट, हंसडीहा होते हुए भागलपुर जाएगी।
जिंदल स्टेनलेस ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के लिए स्टेनलेस स्टील की आपूर्ति की
जिंदल स्टेनलेस, देश की प्रमुख स्टेनलेस स्टील निर्माता कंपनी, ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के लिए स्टेनलेस स्टील की आपूर्ति की है। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस नए प्रारूप का अनावरण किया। कंपनी ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले टेम्पर्ड 301LN ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील की आपूर्ति की गई है, जो ट्रेनों की सुरक्षा, दीर्घकालिक टिकाऊपन, और बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करता है।