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झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती की त्रासदी: दौड़ के दौरान छह की मौत और 100 से अधिक बेहोश

भर्ती दौड़ के दौरान मौतें और स्वास्थ्य संकट

झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती के शारीरिक परीक्षण के दौरान बीते दो दिनों में छह अभ्यर्थियों की मौत हो गई है और 100 से अधिक अभ्यर्थी बेहोश हो गए हैं। यह घटनाएं राज्य के विभिन्न केंद्रों पर घटी हैं, जिनमें पलामू, हजारीबाग, गिरिडीह और पूर्वी सिंहभूम शामिल हैं।

 

घटनाओं की विस्तृत जानकारी

22 अगस्त से शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पलामू में चार, हजारीबाग में दो और गिरिडीह तथा पूर्वी सिंहभूम में एक-एक अभ्यर्थी की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भर्ती के समय में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं ताकि स्वास्थ्य जोखिमों को कम किया जा सके.

 

चिकित्सा चिंताएं और संभावित कारण

चिकित्सकों का कहना है कि अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन सुधारने के लिए संभवतः स्टेरॉयड या एनर्जी ड्रिंक जैसी उत्तेजक दवाओं का उपयोग किया होगा, जिससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। गर्मी और उमस के साथ साथ की गई शारीरिक मेहनत से स्थिति और गंभीर हो गई। कुछ अभ्यर्थियों ने एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने की बात भी स्वीकार की है, जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

 

जांच और सुरक्षा उपाय

मौत के मामलों की जांच के लिए पोस्टमार्टम कराया गया है और बिसरा सुरक्षित रखा गया है ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला है कि कई अभ्यर्थी दौड़ के दौरान सांस की समस्या या हृदयगति रुकने से मरे हैं।

पलामू में स्थिति और खराब हो गई है, जहां कुछ अभ्यर्थियों ने चिकित्सा स्टाफ पर हिंसक व्यवहार किया। चिकित्सा दल ने रिपोर्ट किया है कि कई मरीजों का रक्तचाप बहुत कम था, उन्हें अत्यधिक पसीना आ रहा था और सांस लेने में कठिनाई हो रही थी।

 

समय में बदलाव और आगे की कार्रवाइयाँ

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संकट की स्थिति को देखते हुए भर्ती के समय में बदलाव का आदेश दिया है। शनिवार से भर्ती दौड़ का समय सुबह चार बजे से नौ बजे तक निर्धारित किया गया है, ताकि अभ्यर्थियों को तेज धूप से बचाया जा सके। पहले यह दौड़ सुबह 6:30 से 11:30 बजे तक आयोजित की जाती थी।

फिर भी, स्थिति गंभीर बनी हुई है। शनिवार को ही तीन और अभ्यर्थियों की मौत हो गई, जिसमें हजारीबाग और पलामू में शामिल हैं। यह घटनाएँ प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती हैं और जांच की प्रक्रिया तेज की जा रही है।

 

जांच और दवा की जब्ती

आसपास की दुकानों में दवा के संभावित दुरुपयोग की जांच के लिए पुलिस ने छापेमारी की है। पुलिस और प्रशासनिक टीमें स्थानीय दुकानों की निगरानी कर रही हैं, जहां पर प्रदर्शन सुधारने वाली दवाओं की बिक्री की आशंका है।

पलामू में भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने पुलिस से निगरानी करने और किसी भी अवैध दवा गतिविधियों को रोकने का अनुरोध किया है। स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है ताकि भर्ती प्रक्रिया को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाया जा सके।

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