आदिवासी आबादी में भारी गिरावट
झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा आदिवासी महिलाओं से शादी करने और क्षेत्र में हिंदू आबादी के घटते जाने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर उनके आरोप गलत साबित होते हैं, तो वे इस्तीफा दे देंगे।
2000 से 2024 तक की स्थिति
दुबे ने कहा कि झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासी आबादी 2000 में 36 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 26 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने झारखंड सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। दुबे ने बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं और चुनाव लड़ने वाली कई महिलाओं के पति मुसलमान हैं। उनके अनुसार, जिले में एक लाख से अधिक आदिवासी मुखिया हैं, जिनके पति मुसलमान हैं।
वोटर लिस्ट में संशोधन और आबादी वृद्धि
उन्होंने यह भी दावा किया कि हर पांच साल में वोटर लिस्ट में संशोधन इसलिए होता है कि 15 प्रतिशत वोटर बढ़ जाते हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में 123 प्रतिशत आबादी बढ़ी है। दुबे ने बताया कि मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के 267 बूथों पर मुसलमानों की आबादी 117 प्रतिशत बढ़ गई है और झारखंड की 25 विधानसभा सीटों पर आबादी 123 प्रतिशत और 110 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ी है, जो चिंताजनक है।
ममता बनर्जी सरकार पर आरोप
दुबे ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी आरोप लगाए कि वे झारखंड के हिंदू गांवों को खाली कराने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पाकुड़ जिले के तारानगर इलामी और डांगापाड़ा में दंगे हुए क्योंकि बंगाल से ममता बनर्जी की पुलिस और मालदा, मुर्शिदाबाद से लोग आकर हिंदुओं को भगा रहे हैं। दुबे ने कहा कि झारखंड पुलिस इस पर कोई काम नहीं कर पा रही है, जिससे हिंदुओं का तेजी से पलायन हो रहा है।