जिले में घुसपैठियों की बढ़ती शिकायतों के बीच प्रशासन ने उठाया कड़ा कदम
साहिबगंज में बांग्लादेशी घुसपैठ की बढ़ती शिकायतों के चलते जिला प्रशासन ने अब सख्ती से निपटने का निर्णय लिया है। घुसपैठियों की सूचना देने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जल्द ही जारी किया जाएगा, जहां लोग सीधे प्रशासन को इनकी जानकारी दे सकेंगे।
मतदाता सूची की जांच के साथ हेल्पलाइन नंबर जारी करने का फैसला
जिले में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए जिला प्रशासन ने मतदाता सूचियों की जांच का काम तेज कर दिया है। हालांकि, अब तक कोई घुसपैठिया चिह्नित नहीं हो पाया है। प्रशासन ने अब नागरिकों को शामिल करते हुए एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने का फैसला लिया है, ताकि कोई भी व्यक्ति घुसपैठियों की सूचना गुप्त रूप से प्रशासन को दे सके। शिकायत करने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी, और सूचना सही पाए जाने पर घुसपैठियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट का निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बाधा
झारखंड हाईकोर्ट ने 2024 में दानियल दानिश की याचिका पर सुनवाई करते हुए संताल परगना के उपायुक्तों को घुसपैठियों की पहचान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, जिला प्रशासन ने पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे बरहेट, राजमहल, उधवा, और बरहड़वा प्रखंड के गांवों में रैंडम जांच करने का निर्णय लिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के चलते, बिना शिकायत के घर-घर जाकर जांच करने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
राजमहल विधायक से घुसपैठियों के संदिग्ध नामों की मांग
जिला प्रशासन ने राजमहल विधायक अनंत ओझा से घुसपैठ की शिकायतों के समर्थन में सबूत उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। विधायक और भाजपा कार्यकर्ता पुराने मतदाता सूचियों को खंगालकर साक्ष्य जुटाने में लगे हुए हैं। विधायक अनंत ओझा ने बताया कि सैकड़ों संदिग्ध लोगों के नाम चिह्नित किए जा चुके हैं, जिनमें से कुछ के नाम बांग्लादेश की मतदाता सूची में भी पाए गए हैं।
22 और 24 अगस्त को हाईकोर्ट में फिर होगी सुनवाई
जिले के कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए, जिला प्रशासन ने 22 और 24 अगस्त को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले जांच का कार्य तेज कर दिया है। राजमहल, बरहेट, और बोरियो विधानसभा क्षेत्रों के कई बूथों की जांच-पड़ताल की जा रही है।
साहिबगंज के उपायुक्त हेमंत सती ने कहा कि जिले में घुसपैठियों की पहचान के लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति घुसपैठ से संबंधित साक्ष्य उपलब्ध कराता है, तो उसकी भी जांच कराई जाएगी।