Sitaram Yechury passes way at the age of 72 years
देश-दुनिया राजनीति

सीताराम येचुरी का निधन: CPI(M) महासचिव ने 72 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

CPI(M) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) का गुरुवार को 72 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां वह गंभीर श्वास  संक्रमण से जूझ रहे थे। बीते कुछ दिनों से उन्हें श्वसन सहायता पर रखा गया था और विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम उनकी देखरेख कर रही थी।

सीताराम येचुरी की हालत पिछले कुछ हफ्तों से नाजुक बनी हुई थी, और उन्हें एम्स में श्वास संक्रमण के कारण आईसीयू में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य को स्थिर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो पाया और उन्होंने गुरुवार को अंतिम सांस ली।

सीताराम येचुरी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी राजनीतिक समझ, संघर्षशील व्यक्तित्व और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा। उनके जाने से वामपंथी राजनीति को जो झटका लगा है, उसकी भरपाई करना मुश्किल होगा।

CPI(M) ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “गहरे दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे प्रिय कामरेड और महासचिव सीताराम येचुरी का आज, 12 सितंबर को शाम 3:03 बजे, नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वे श्वसन संक्रमण से पीड़ित थे, जो जटिलताओं में बदल गया। हम एम्स के डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और निदेशक को उनके बेहतरीन इलाज और देखभाल के लिए धन्यवाद देते हैं। सार्वजनिक दर्शन और श्रद्धांजलि के संबंध में जानकारी बाद में दी जाएगी।”

Sitaram Yechury का राजनीतिक सफर

सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी राजनीति का एक प्रमुख चेहरा थे। CPI(M) के महासचिव के रूप में उन्होंने पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति में एक मज़बूत स्थान दिलाया और सामाजिक न्याय, श्रमिक अधिकारों और समानता के लिए लगातार संघर्ष किया। अपने राज्यसभा कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी और वामपंथी विचारधारा को मजबूत किया।

Sitaram Yechury का व्यक्तिगत जीवन: सीताराम येचुरी के निधन से उनके परिवार पर गहरा दुख छाया हुआ है। उनके परिवार में पत्नी सीमा चिश्ती, जो The Wire की संपादक हैं, और उनके दो बच्चे, बेटी अखिला और बेटा दानिश हैं। येचुरी के निधन से राजनीतिक जगत में भी शोक की लहर है, और उनके करीबी सहयोगियों और समर्थकों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है।

देश के विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपने शोक और दुख प्रकट किये है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *