विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की शुरुआत 22 जुलाई से होगी. इसे लेकर प्रशासनिक तैयारियां अंतिम चरण में हैं. देवघर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और शहर की विधि-व्यवस्था को मजबूत रखने के लिए आठ हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों और पदाधिकारियों की तैनाती की जाएगी.
पुलिसकर्मियों के ठहराव के स्थानों का चयन किया गया है। पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति और उनके ठहराव की व्यवस्था पर चर्चा करते हुए देवघर के एसडीपीओ ऋतिक श्रीवास्तव ने बताया कि ठहराव के लिए स्थान तय हो चुके हैं। इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों को सभी पुलिसकर्मियों की तैनाती के स्थानों के बारे में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
श्रावणी मेला: एक माह तक देवघर में उमड़ती अत्यधिक भीड़
एसडीपीओ ऋतिक श्रीवास्तव ने बताया कि श्रावणी मेला के दौरान देवघर में पूरे एक महीने भारी भीड़ होती है। प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु देवघर पहुंचते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को समस्याओं से बचाने के लिए जिले की यातायात व्यवस्था में कई बदलाव किए जाते हैं।
देवघर में आठ हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए देवघर में आठ हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। एसडीपीओ ने बताया कि किस पुलिसकर्मी और अधिकारी की ड्यूटी कहाँ लगेगी, इसकी जानकारी जल्द दी जाएगी। जिले में आठ हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती के लिए उच्च पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि बाहर से आए पुलिसकर्मियों को जल्द से जल्द ड्यूटी पर लगाया जा सके। एसडीपीओ ने कहा कि बाहरी जवानों को जल्द ही इस संबंध में ब्रीफ किया जाएगा।
सावन में देवघर की सुरक्षा चुनौती: श्रावणी मेला से पहले पुलिस प्रशासन की तैयारियाँ
सावन के महीने में देवघर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना पुलिस प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इसी कारण देवघर पुलिस श्रावणी मेला से पहले सभी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में जुटी है। अब यह देखना होगा कि पुलिस प्रशासन की तैयारियों से श्रद्धालुओं को कितनी राहत मिलती है।