The iconic Om Parvat in Uttarakhand's Vyas Valley, showing the rare sight of its natural "Om" symbol without any snow, highlighting concerns about climate change and environmental shifts.
देश-दुनिया

उत्तराखंड के ओम पर्वत पर अद्वितीय घटना: पहली बार बिना बर्फ के दिखा ‘ॐ’ का चिन्ह

उत्तराखंड की व्यास घाटी में स्थित पवित्र ओम पर्वत, जो अपने प्राकृतिक बर्फीले “ॐ” प्रतीक के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है, पिछले सप्ताह एक असाधारण घटना का साक्षी बना। इस ऐतिहासिक स्थल पर पहली बार ऐसा हुआ कि “ॐ” का प्रतीक बिना किसी बर्फ की परत के दिखाई दिया। इस घटना ने श्रद्धालुओं, पर्यटकों और पर्यावरण विशेषज्ञों के बीच चिंता और चर्चा का विषय बना दिया है।

ओम पर्वत की विशेषता

ओम पर्वत, 6191 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक पवित्र स्थान है, जो हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। हर साल हज़ारों श्रद्धालु और ट्रेकर्स यहाँ की यात्रा करते हैं, इस आशा के साथ कि वे इस पर्वत पर बनने वाले प्राकृतिक “ॐ” के चिन्ह के दर्शन कर सकें। यह चिन्ह, बर्फ के स्वाभाविक जमाव से बनता है और भगवान शिव के अनुयायियों के लिए एक विशेष आस्था का प्रतीक है। लेकिन इस बार, बिना बर्फ के दिखने वाला यह पर्वत एक नए और अभूतपूर्व अनुभव का गवाह बना।

बर्फ का न होना

ओम पर्वत पर बर्फ की अनुपस्थिति ने पर्यावरणविदों और स्थानीय निवासियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस घटना को जलवायु परिवर्तन के संभावित संकेत के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, ग्लोबल वार्मिंग के चलते हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी की मात्रा में कमी आई है, जिसका असर अब इस पवित्र पर्वत पर भी दिखने लगा है।

स्थानीय समुदाय और श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

इस दुर्लभ घटना से स्थानीय समुदाय में हलचल मच गई है। कुछ लोग इसे प्रकृति की लीला मानते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण अपना रहे हैं, तो कुछ इसके पीछे छिपे पर्यावरणीय संकट की ओर इशारा कर रहे हैं। वहीं, श्रद्धालुओं का मानना है कि यह घटना ईश्वर की एक विशेष कृपा या संकेत हो सकती है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह बर्फ की घटती मात्रा और जलवायु परिवर्तन की ओर संकेत करता है, जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र की प्राकृतिक संतुलन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ओम पर्वत पर बर्फ का न होना, हिमालयी क्षेत्रों में ग्लेशियरों के पिघलने और तापमान में हो रहे परिवर्तन के स्पष्ट संकेत हैं।

ओम पर्वत की यह अभूतपूर्व घटना हमें जलवायु परिवर्तन के प्रति और अधिक सजग और जागरूक होने का संदेश देती है। इस पवित्र स्थल की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व को बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। यह समय की माँग है कि हम प्रकृति के इन नायाब चमत्कारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस दिव्य अनुभव का आनंद उठा सकें।

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